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तिरछे नयन कटार

प्रतियोगिता के लिए

तिरछे नयन कटार (कुंडली-श्रृंगार रस)

घायल करती सुंदरी ,तिरछे नयन कटार।

वाण चलाये मदन के ,भरे मदिर रस धार।।

भरे मदिर रस धार, गुलाबी अधर निराले।

रूप रंग कचनार , केश हैं लंबे काले।

हिरनी जैसी चाल, बजाती छन छन पायल।

दामिनि घन सी नारि, करत है जब तब घायल।


स्नेहलता पाण्डेय 'स्नेह'


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9 Comments

Simran Bhagat

22-Apr-2022 05:30 PM

Good👍🏻

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Zakirhusain Abbas Chougule

22-Apr-2022 11:29 AM

वाह बहुत सुंदर रचना

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बहुत सुंदर रचना

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